*सुनीता शानू उसे कहा गया था दुख हमेशा निभाते हैं साथ चलते हैं उम्रभर उसे कहा गया था खुशियां होती हैं मेहमान उड़ जाती हैं छूकर और फिर उसे लगा भी ख…
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की परंपराएं जितनी पुरातन हैं, इनके निर्वहन का इतिहास भी उतना ही पुराना है। करीब आधी शताब्दी पहले महाशिवरात्रि पर भगवान महाक…
भोपाल। नोवल सोशल फाउण्डेशन की एक्सट्रा चाइल्डहुड गतिविधि के अन्तर्गत 15 फरवरी 2020 को शास. कन्या जहांगीराबाद स्कूल में रोबोट मेकिंग क्राफ्ट कार्यशाला…
*अरविन्द शर्मा ये बेटियाँ, ये बेटियाँ, ये बेटियाँ, ये बेटियाँ। देश की कमान को रहीं संभाल बेटियाँ।। ये बेटियाँ, ये बेटियाँ, ये बेटियाँ, ये बेटियाँ। गग…
* बाल कविता संग्रह - नया सवेरा * कवि - बलदाऊ राम साहू * प्रकाशक - जास्मिन प्रकाशन, दिल्ली * प्रकाशन वर्ष - 2019 * संस्करण - प्रथम * पृष्ठ - 32 * मूल्…
*हमीद कानपुरी तम ने सूरज को छला। है विकट कुछ मसअला। दौरे हाज़िर देख कर, याद आया कर्बला। झूठ हावी सत्य पर, देखसुन अजहद खला। बुज…
*हेमलता शर्मा "भोली बैन" आज मामला हुवा गरम, रामू भूला पति धरम, पत्नी को तैयार कराना, उसको भारी पड़ गया, जाना था आज सिनेमा, पर टिकटे लाना भ…
पेड़ों की पत्तियां झड़ रही मद्धम हवा के झोकों से चिड़िया विस्मित चहक रही ऋतुराज वसंत धीमे से आरहा आमों पर मोर फूल की खुशबू संग हवा के संकेत देने लगी टेस…
कोटा । राष्ट्रीय कवि चौपाल, कोटा शाखा की मासिक गोष्ठियों के क्रम में, इस बार की काव्य गोष्ठी का आयोजन, डा• गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' के स्वनिवा…
उज्जैन। 'वामा साहित्य मंच' तथा 'घमासान डॉट कॉम' न्यूज पोर्टल द्वारा दो दिवसीय अभा महिला साहित्य समागम का वार्षिक आयोजन जालसभा गृह …
*नीरज मिश्रा 'शुक्ला' राजनीति दो शब्दों का एक समूह है। ‘राज मतलब शासन ‘नीति मतलब उचित तरीके से कार्य करने की कला। दूसरे शब्दों में कहें तो श…
चेन्नई।अंतरराष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन व शोध केन्द्र की ओर से प्राकृत भाषा शिक्षण के लिए साप्ताहिक कक्षाएँ दो दशक से आयोजित हो रही हैं। इस वार्षिक पाठ्य…
*अशोक सिंह कितना बेईमानी लगता है जब हमारी खुद की नैतिकताएँ ही पीली पड़ती जा रही हैं बदलती जा रही हैं विवशताओं में तब अनैतिक लोगों के बीच बैठ नैतिकता…
*विक्रम कुमार कहे गंगा की अविरल धारा कहे चंदा और कहे तारा कहे सागर यह नदियों से कह रहा हिमालय सदियों से भरत राज की पुण्य भूमि का जग में जिंदा मान रह…
*प्रो.शरद नारायण खरे जीवन ढलने लग गया,भरी दुपहरी आज । मातम करने लग गया,अब मौसम पर राज ।। गहन तिमिर उदघोष कर,निगल रहा आलोक । सारे ही निष्ठुर हुये,नहीं…
नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में महंगाई, बेरोजगारी और मंदी से निपटने के प्रभावी इंतजाम किए जाने की जितनी उम्मीद की गई थी, वित्…
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