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कोरोना रहित हो जग सारा


*धर्मेन्द्र बंम


रूक  गई  है  जिन्दगी , थम  गई    रफ्तार 
विचलित  हुई  दुनिया , मच  गई हाहाकार
गहरे सागर में किश्ती , उलझ गई मझधार
एकेंद्रीय की पंचेंद्रीय पर , पड़ रही  है मार


तीन सप्ताह का लाॅकडाउन , सुंदर है उपचार 
मिलकर रोक सकेंगे हम , संक्रमण का संचार 
ईश प्रभु से हम करें प्रार्थना, स्वस्थ रहे संसार 
कोरोना रहित हो जग सारा , होगी फिर बहार 


ज्ञान ध्यान में मन लगाए , चिंतन करें साकार 
साहित्य का सान्निध्य मिले , करे कविता सार
खेले  अंग बंग चौक चंग ,  खेले  सोलह सार
बच्चों के संग खेले खेल , जीवित रहे संस्कार 


समय समय का खेल है , समय समय की धार
कठिन परीक्षा की घड़ी , होगी कोरोना की हार
स्वच्छता को अपनाकर , मिलकर करें प्रतिकार 
कोरोना इतिहास होगा , खुशियाँ मिले बारम्बार 


*धर्मेन्द्र बंम ,नागदा जंक्शन 


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