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लॉक डाउन में पॉजिटिव इफैक्ट्स


*श्रीमती शोभा रानी तिवारी

आजकल टीवी में रेडियो में व्हाट्सएप में फेसबुक में सब तरफ एक ही चर्चा है कि कोरोना के कितने मरीजबढ़े ,कितने मरीजों में  करोना  वायरस पाज़िटिव पाया गया , कितने मरीजों की मौत हुई कितने आइसोलेशन में हैं।  हर तरफ बस कोरोना वायरस की चर्चा है ।यह  महामारी और ज्यादा ना बढ़े इसलिए  प्रधानमंत्री जी ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया है ।हम सब घर में हैं  और घर से बाहर ना निकलें ।इसका पॉजिटिव असर यह हुआ है कि लोगों को खुद को खुद से मिलने का अवसर मिला है ।पूरा परिवार एक साथ है इस भागमभाग जिंदगी में कामकाजी महिलाओं और पुरुषों को एक दूसरे को समझने का समय मिल रहा है। हर  काम को मिलकर कर कर रहे हैं। दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत जैसे धार्मिक सीरियल में आ रहे हैं और रामायण में भोग नहीं त्याग  है ।एक दूसरे के लिए त्याग है । लोग राम तथा सीता के चरित्र को आत्मसात कर रहे हैं। हर चीज ऑनलाइन मंगाई जा रही है, क्योंकि बाहर निकलने से कोरोनावायरस की चिंता है और फिर जान का डर तो सबको है। कहते हैं कि जान है तो जहान है इसलिए घर में अंताक्षरी, खेल, भजन पूजा पाठ तथा मंगल ध्वनियों से घर तथा आसपास का वातावरण शुद्ध हो रहा है। साहित्यकारों को लिखने पढ़ने का बहुत समय मिल रहा है और वे अपना समय सकारात्मक कार्यों में लगा रहे हैं ।बच्चों को गाने का चित्रकला का शौक होता है वह सब अपनी अपनी कला को निखारने में लगे हुए हैं ,इसके अलावा खाना बनाना सीख रहे हैं और अपनी काला को निखार रहे हैं ।  यदि घर में ही रहे तो हम कोरोनावायरस को मात दे सकते हैं और इस महामारीसे बचा जा सकता है ।

 

*श्रीमती शोभा रानी तिवारी ,

इंदौर मध्य प्रदेश,

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