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संजय वर्मा 'दृष्टि' की कविता-माँ सरस्वती



 


हे माँ सरस्वती
ज्ञान दे वरदान दे

पूजा करें

अर्पण पुष्प करें

नदियों का कलकल

गुणगान दे।

श्वेत वस्त्र,हंस वाहिनी

वीणा की मीठी तान दे

कमल खिले नीर में

ऐसा वरदान दे।

हे माँ सरस्वती


ज्ञान दे वरदान दे

पूजा करें

अर्पण पुष्प करें

नदियों का कलकल

गुणगान दे।


शिक्षा की निधि

संगीत की विधि

पावन श्लोक की 

 चेतना जगा दे।

निर्झर मन की वेदना मिटा दे।

हे माँ सरस्वती


ज्ञान दे वरदान दे

पूजा करें

अर्पण पुष्प करें

नदियों का कलकल

गुणगान दे।


नमन करें नित्य तुम्हें

हंसवाहिनी ऐसी दिशा दे

दशा बदले दुर्गुणों की

हम सबको ये आशीर्वाद दे।

हे माँ सरस्वती
ज्ञान दे वरदान दे

पूजा करें

अर्पण पुष्प करें

नदियों का कलकल

गुणगान दे।

 


*संजय वर्मा 'दृष्टि',मनावर(धार) मो.9893070756



 

 

 









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