*जय गुप्ता*
वो जो शालीन कहीं जाती है समाज में
हर दर्द हर दुख को सहन कर लेती है इस समाज में
चाहे दर्द को एक बच्चे को जन्म देने का या दुख हो एक पराए घर में अपनत्व ना मिलने का
हां वो एक औरत ही होती है
जो वास्तविक समाज की एक सच्ची योद्धा होती है
चाहे सास के ताने हो
या हो पति की फटकार
सब सुनती है पर शांत रहती है
घर को सुखहाल बनाने में वो खुद का वजूद भूल जाया करती है
हां वो एक औरत ही होती है
जो वास्तविक समाज की सच्ची योद्धा होती है।।
सुबह से लेकर शाम तक घर को संभालती है
ना किसी से द्वेष ना किसी से अपेक्षा रखती है
बस खुद में मग्न हो घर को अपना बनाने में खुद को भूल जाया करती है
हां वो औरत ही होती है
जो वास्तविक समाज की एक सच्ची योद्धा होती है।।
एक इंसान 6 घंटे काम करता है ऑर उसके बदले में वेतन की आस रखता है
एक औरत 24 घंटे घर में काम करती है
ऑर उसके में सिर्फ अपनो के प्यार की आस रखती है
बिल्कुल निस्वार्थ ऑर कर्म मोहिनी होती है
हां सच में
वो एक औरत ही होती है
जो वास्तविक समाज की सच्ची योद्धा होती है।।
*जय गुप्ता,भरतपुर
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