*सुषमा दिक्षित शुक्ला
केंद्र सरकार ने प्रवासी लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की अनुमति प्रदान कर दी है ।इसके लिए सावधानियों को बरतने की अत्यंत आवश्यकता है। जिसके तहत निर्धारित मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए बसों में ले जाना चाहिए। सामाजिक दूरी के नियंत्रण का पालन करना परम आवश्यक है। बसु व अन्य वाहनों को सैनिटाइज किया जाना चाहिए ।अधिकारियों को इस कार्य के लिए बहुत ही जिम्मेदारी से कदम उठाना होगा। सरकार ने इस कार्य के लिए जिलाधिकारी व नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं,एवं वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं ,जो मंत्रालय में बैठकर देखरेख करेंगे ।
एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए आवश्यक है कि नियुक्त अधिकारी आपस में बात क करें कि प्रवासियों को सड़क मार्ग से कैसे ले जाया जाए ।जो लोग अपने स्वयं के वाहन में यात्रा करना चाहते हैं उन्हें भी उसी तरह राज्यों की सहमति होनी चाहिए। राज्य सरकार ने तय किया है कि कलेक्टर निदेशक राज्य आपदा प्रबंधन का पास देंगे जो कि अनिवार्य है इसके बिना किसी भी समूह के लोगों को जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दोनों राज्यों के नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेंगे की जाने वालों मे कोरोनावायरस के लक्षण है कि नहीं । यदि है तो उनका यहां इलाज होगा ।यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आवश्यक रूप से होना चाहिए । यात्रियों की सूची उस राज्य ,जिले को देनी चाहिए ,जहां पर यात्री उतरेंगे। उनमें जाने से पहले जांच होनी चाहिए और गंतव्य पर पहुंचने के बाद भी जांच होनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर 14 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाना आवश्यक है ।यात्रियों को ले जाने वाले वाहन को राज्य पारगमन पास और उस पर सभी यात्रियों के नाम व अन्य जानकारी देने से उनको सही स्थान पर पहुंचाने में सुविधा रहेगी ।
कुल मिलाकर हम कर सकते हैं कि लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि लोग अपने गंतव्य पर पहुंच भी सके एवं महामारी की चपेट में भी ना आने पाए ।
*सुषमा दिक्षित शुक्ला
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